बिटिया की बिदाई
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आसमानी नीला रंग, पड़ रहा फ़ीका है,
मौजों की मस्ती में, न रहा वो बाँकपन है,
इठलाती थी गोरी जो, हर बागो चमन में,
अब खाली एक सन्नाटा है, आँगन के हर कोने में,
ममता की छाओं छोड़ हमारी,
बिटिया हुई अपने पिया को प्यारी,
बिदा हुई डेरे से बाबुल के, आज वो दुलारी,
सजा रखी है चौखट हमने, यादों से उसकी,
बाँध रखा है वो प्यार, आँचल की गाँठ में अपनी,
आरज़ू है इस दिल की,
खुशियाँ मिले अब बिटिया को सारी,
बंधन हो मज़बूत इतना,
कि नींव न हिले... लाख कोशिशें हों भारी,
आशियाँ हो सुंदर उसका,
पलकों पे था सजाया... हमने ये सपना,
इल्तेज़ा उस रब से,
अब हमारी ममता का मान रखना |
बिदा हुई डेरे से बाबुल के,
आज बिटिया हमारी...
©️अनूप