“ये कैसा राज है” Chapter 53
Puri kahani ke liye link par click kiniye
https://pocketnovel.onelink.me/tSZo/6a70j906
विक्रांत जब सूरज के सेक्रेटरी मनोज के cabin मे काम कर रहा जोटा है तभी टीना वहां आ जाती है। टीना मनोज से कहती है की उसको विक्रांत से कुछ जरुरी काम है और विक्रांत को अपने साथ लेकर एक ऐसी जगह पर पहुंच जाती है जहाँ पर 2 से 3 खूबसूरत बंगले बने हुए होते हैं।
वहां पहुंच कर विक्रांत को पता चलता है की टीना वहां पर खुदके लिये नही बल्कि उसके लिये बंगला लेने के लिये उसे अपने साथ लायी थी।
जब विक्रांत ने टीना को बंगला लेने से मना कर दिया तो टीना उसपर भड़क गयी। और गुस्से गुस्से मे उसे बहुत कुछ सुना दिया। और ये भी कहा का वो आजके बाद ना उसके घर पर आये और ना ही कंपनी मे।
अब आगे – 👇👇👇👇
विक्रांत सुखविंदर के गेरेज पर काम करने मे लगा गया था। वहीं टीना उसको यहाँ वहां ढूंढने मे लगी हुई थी।
बहुत ढूंढने पर भी जब टीना को विक्रांत नही मिला तो वो वापस कंपनी लौट गयी।
कंपनी पहुंच कर जब टीना होने पापा के cabin मे गयी तो उसमे देखा उसके मम्मी पापा बैठकर बातें कर रहें हैं।
टीना को देख कर उसके पापा ने उससे पूछा–“अरे बेटा विक्रांत कहां है? वो तेरे साथ ही गया था ना?”
अपने पापा का सवाल सुनकर टीना ने जो कुछ भी हुआ था उस बारे मे अपने पापा मम्मी को बता दिया।
टीना के मम्मी पापा को जब टीना से पता चला की उसने क्या किया है तो गुस्से से उनकी आँखे बड़ी बड़ी हो गयीं।
“तेरा दिमाग ख़राब हो गया है क्या? एक ही गलती को तू कितनी बार दोहरायेगी?” टीना की मम्मी ने टीना से गुस्से मे पूछा।
“अरे तुम जरा शांत हो जाओ। मुझे इससे बात करने दो।” टीना के पापा ने टीना की मम्मी से कहा और फिर टीना को देखते हुए पूछा–“बेटा तूने विक्रांत से बात करने की कोशिश की?”
अपने पापा की बात सुनाकर टीना ने उदास से लहजे मे अपने पापा से कहा–“पापा मैंने उसको बहुत बार फ़ोन करने की कोशिश की, लेकिन उसका फ़ोन बंद आ रहा है।”