चेहरे पर हँसी
दिल में दर्द समेटे हैं हमने
हँसी का नकाब पहनकर
अनगिनत सितम झेले हैं हमने
कोई पास आकर तो पूछे हमसे
दिल के दर्द को छुपाने में
अंदर ही अंदर कितने जख्म झेले हैं हमने

-Devaki Ďěvjěěţ Singh

Hindi Shayri by Devaki Ďěvjěěţ Singh : 111915963
Narendra Parmar 3 month ago

अब में क्या बताऊं आपको आप तो जख्मों का हिसाब करने बैठ गए जिंदगी बहुत लंबी है हमारी आप तो उसे भी भूल गए ।। ❤️👌👌

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