सम्भाल कर चल ऐ आसमा
ज़मी पे खन्जर छुपाय है
ज़मी पे खन्जर छुपाय है
सम्भाल कर चल ऐ आसमा
ज़मी पे खन्जर छुपाय है
ये दुनिया तो फानी है
यहा सब दिल लगाये है
यहा सब दिल लगाये है
मचल जायेगी एक दिन ये
न जाने किस भरम मे हो
मचल जायेगी एक दिन ये
न जाने किस भरम मे हो
ये उलफत का समंदर है
यहा सब मात खाये है
यहा सब मात खाये है
ज़मी पे खन्जर छुपाये है
ये दुनिया चार दिन की है
न जाने कल क्या हो जाये
ये दुनिया चार दिन की है
न जाने कल क्या हो जाये
सम्भाल के लोग चलते है
सम्भाल के लोग चलते है
ज़रा तू भी सम्भाल के चल
ज़रा तू भी सम्भाल के चल
ज़रा तू भी सम्भाल के चल
तेरा घर भी ना जल जाये
ज़मी पे खन्जर छुपाये है
सम्भाल कर चल ऐ आसमा
ज़मी पे खन्जर छुपाये
सम्भाल कर चल ऐ आसमा
ज़मी पे खन्जर छुपाये
सम्भाल कर चल ऐ आसमा
ज़मी पे खन्जर छुपाये