हे योगेश्वर
हे योगेश्वर कृष्ण फिर से तुम
अपना अर्जुन भेजो भारत में
हाथों में गांडीव को लेकर
धरा को कौरव मुक्त करा दो ।
न भी भेज सको तुम अर्जुन
हर हिंदू को अर्जुन बना दो ।
सुप्त हुए हैं, कायर जो भी
प्रहार एक हो , नष्ट करा दो ।
जयचंदो की बसी हैं बस्तियां
हर जयचंद को लुप्त करा दो ।
जाति - वर्ग का भेद करे जो
उस काया को भस्म करा दो ।
शोषक जो हैं , कलुषित मन से
उनको दडों की राह दिखा दो ।
जितने दुर्योधन भ्रष्ट हुए हैं
उनको उनका अंत दिखा दो ।
जो भी भारत को ठगता - फिरता
उससे भारत को मुक्त करा दो ।
बेईमानी से दूषित जो जन
उनको नाली का कीट बना दो ।
झूठ - फरेब से जो आगे बढ़ते
ऐसे सबको नरक दिखा दो ।
कृष्ण तुम्हारा वैभव चिरंतन
इस चेतन की अलख जगा दो ।
अर्जुन को भेजो धरती पर
हर हिंदू को अर्जुन बना दो ।
समरस होकर नष्ट करें हम
ऐसी दृष्टि हिंदू को दिखा दो ।
भेजो अर्जुन इस धरा पर
हर हिंदू को अर्जुन बना दो ।
सुरेंद्र कुमार अरोड़ा
साहिबाबाद ।