धरती भी सिसकती है , आसमान भी रोता है,
होती है सच्ची मोहब्बत जहाँ ,जुदा ही कौन होता है ,,,
वो पैमानों की दूरियाँ , वो मिलने की हसरत,
दिल में रखते ही हाँथ, उससे दीदार जहाँ होता है ,,,,
वो बिन कहे उनका सुनना , सुनके भी ना सुनना,
रोम रोम में समाहित है जो, उसका इतवार कहाँ होता है ,,,
ख़्वाबों के पर ,हौसलों की उड़ान,मोहब्बत हो चाभी,
परिंदे हों ऐसे अगर , उनका विश्राम कहाँ होता है ,,,??