खोया है बहुत कुछ जिंदगी के सफर में,
यादें, ख्वाब और सपने बहुत जल गए हैं।
कुछ वक़्त की मरम्मत, कुछ दिल के टूटने का गम,
पर आज भी उम्मीदें बाकी हैं, खुशियों के नाम।
पाया है भी कुछ अपनों की बाहों में,
प्यार, सम्मान और दोस्तों की मुस्कान में।
मिला है विश्वास, खुद को पहचानने का सफर,
हर अधूरे सपने के पीछे एक नया सवेरा।
खोया और पाया, ये है जीवन का खेल,
बस आगे बढ़ते रहें, जीने का हर पल।
क्योंकि असली खोया नहीं जाता है कुछ भी,
बस बदलते हैं हालात, और आता जाता है दिन-रात।