"हम मिलेंगे तुमने क्या सोचा है
इस मुलाकात के जानिब...??"
"यही कि किसी बेंच पर,
जो लगाई हो अंग्रेजी हुकूमत ने
जिसकी पुश्तें ढलाई वाली लोहे से बनाईं हों
उसके पास उगा हो एक जामुन का पेड़,
उसके ऊपर एक तोते का जोड़ा बैठकर,
एक जामुन को बाँटकर खा रहा हो
उसी बेंच पर हम तुम बैठकर
आधी आधी कैडबरी चॉकलेट खाएं"
"और न मिल पाये तो....?
फिर तुमने क्या सोचा...??"
"यही कि उसी बेंच पर
जो अंग्रेजी हुकूमत ने लगाई थी
ढलाई के लोहे वाली घुमावदार पुश्त पर हाथ टिकाए
जामुन के पेड़ पर फल लगने का मौसम हो न हो
तोतों के लिए मौसमी फल लाता रहूंगा
और पास में कूदती फांदती
गिलहरियों को कैडबरी चॉकलेट खिलाऊँगा😊"
"ओह....!!! पर मैं अब नहीं आ पाऊंगी😢
भगवान करे तोते और गिलहरियाँ आती रहें
ताकि याद आती रहूं मैं......."
संजय नायक"शिल्प"