"मुझे याद है वो गुजरा ज़माना
मेरे मन मस्तिष्क में संचित है
'नौ वर्ष की उम्र का अफसाना'
विद्यालय में आधे दिन की छुट्टी है
कहकर भाग आना..
'थर्मल पावर के ऑफिस' के हाते में..
लगे बैर के पेड़ों से.. बेर तोड़ना..
वहाँ के पहरेदारों द्वारा दौड़ा-दौड़ा कर
भगाया जाना..
मुझे आज भी याद है"
---डॉ अनामिका----

Hindi Poem by डॉ अनामिका : 111867336

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