शायद मोहब्बत में हद नही होती
पर फिर भी मैं हद में रहता हूँ।
तुम्हें कहीं दोबारा खो ना दू
इस बात से ज़ज़्बातों को रोके रहता हूँ।
अगर इश्क़ में सब जायज है
तो फिर हदों को पार करना भी सही है
और इश्क़ में भी अगर हदें आ जाए तो वो
बेखौफ़ जूनूनियत, लज़्ज़त वाला प्यार नहीं है ।।
-Nomad Navodayans