जो जुड़े थे ख्वाब तुम्हारे हम से,
वही ख्वाबों को बुना करता हुं;
मिले थे तार एक दूसरे के दिल से,
वही यादों को बयां करता हुं।
खफा हुं उन सभी तारों सितारों से, जो आते थे रोज़ रात हमको मिलने;
बिछड़े हम तुमसे ऐसे की ab हर टूटे तारों से तुम्हारी मुस्कराहट के लिए दुआ करता हुं।