कैसे बताऊं में तुम्हें... मेरे लिए तुम कौन हो...तुम धड़कनों का गीत हो...जीवन का तुम संगीत हो...तुम जिंदगी तुम बंदगी...तुम रोशनी तुम ताज़गी...हर खुशी प्यार हो प्रीत हो मनमीत हो...आंखों में तुम यादों में तुम...नींदों में तुम ख्वाबों मे तुम...तुम हो मेरी हर बात में...तुम हो मेरे दिन रात में...तुम सुबह में तुम शाम में...तुम सोच में तुम काम में...मेरे लिए पाना भी तुम...मेरे लिए खोना भी तुम...मेरे लिए हंसना भी तुम... मेरे लिए रोना भी तुम...और जागना सोना भी तुम... जाऊं कहीं देखूं कहीं...तुम हो वहां तुम हो वहीं...कैसे बताऊं में तुम्हें ... तुम बिन में कुछ भी नहीं....