अगर तू दे इजाजत तो में ये करदू क्या
लेकर आसमान की सारी सजावट उसे जमी पे रखदू क्या
ये चांद , ये सितारे , प्रतीक महोबबत का छलावा है
लेकर गुलाब दुनिया भर के में इजहार -ए -इश्क करदू क्या
मलाल ये के तेरे चहेरे का नूर कही खो सा गया है
टू कहे तो दुनिया भर की अराईश तेरे चहेरे पे रखदु क्या
दो लफ्जो की बात तूने अपने होठों में दबा रखी है
हो इजाजत अगर मुझे तो में ये बात कहदू क्या
के अब नजर भर देखू तुझे तो ये जी नही भरता , अल्फाज
लेकर करीब तुझको खुदसे में थोड़ा सा इश्क करलू क्या
-PUNIT SONANI 'ALFAAZ'