जिस्म छूने वाले हजारों मिल जायेंगे
जो रुह को छू ले
है इश्क वही

-ArUu

Hindi Quotes by ArUu : 111835701
Bharat Odedara 1 year ago

किसी दूसरे शरीर से चिपके बिना वह सामान्य रह नहीं सकता। स एकाकी न रमते, स द्वितीयं ऐच्छत। अर्थात् वह अकेला रह नहीं सकता, उसने दूसरे की इच्छा करी। ये सम्भोग सहवास, संवेदना, संयोग ही क्रमबद्ध मानवीय जीवनविकास के प्रतिफल हैं। संभोग के विना सहवास नहीं उत्पन्न होता। सहवास के बिना संवेदना नहीं उत्पन्न होती। संवेदना के बिना संयोग या सम्मेल नहीं उत्पन्न होता। योगसिद्धि ही प्रेम है, सुख है, स्वस्ति है, शान्ति है, समाधि है, स्वास्थ्य है, स्वतंत्रता है, मुक्ति है, मोक्ष है

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