अब लड़ना चाहता हु। 
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समय से तेज अब में भागना चाहता हूं,
गेरोको रखके दूर, में भागना चाहता हूं,
  कुछ सपनोका भार ले, दौड़ना चाहता हूं 
 हां। अब लड़ना चाहता हु। ।।
 पाव में भले पड़े किल्ले, भाग लेना चाहता हु,
  रास्ते चाहे हो कठिन, आगे बढ़ना चाहता हु,
 जीवनका उद्देश्य एक पूरा, करना चाहता हु,
     हां। अब लड़ना चाहता हु। 
प्यारकी गहराई में, कुछ पल रहेना चाहता हु।
दिलकी ख्वाहिश को भी, पूरा करना चाहता हु,
 जीवन है चार दिन का, इसको में जीना चाहता हु।
पर याद रहे, अब लड़ना चाहता हु।।
मधुर जीवन छोड़, युद्ध मैदान जाना चाहता हु,
प्यारकी गहराई छोड़, जहरको पीना चाहता हु,
कड़वा भले जीवन हो, हर रास्ते से गुजरना चाहता हु,
  हां अब ,। लड़ना चाहता हु।।
मालिकके भरोसे, में कर्म करना चाहता हु।
दुश्मन भले अनेक, कर्मसे उनको हराना चाहता हु,
पुण्यका तूफान, रास्तेमें लाना चाहता हु,
मालिकका भक्त हु, अब लड़ना चाहता हु। 
धवल रावल
TRUST ON GOD