मै आपसे परिचय का मोहताज हूं
आपके लिए सिर्फ एक आवाज हूूं
आने वाले कल की जानपहचान का
छोटा सा उगता हुआ एक आगाज़ हूं
इस शहर मे ,मै गुमनाम सही
आपके लिये ,अनजान सही
चेहरा पहचानोगे किसी दिन
कुछ देर और सही,और सही
आज मेरा मकां फुटपाथ है
मेरे औजार मेरे ये दो हाथ है
मेरा दिल एक जुनुं से है भरा
और हौसला भी मेरे साथ है।
पता है मुझे,यहाँ जिल्लते मिलेंगी
भूख का एहसास ,ठोकरे मिलेंगी
पर मेरा सपना और ये दीवानापन
किसी हाल,ये कम ना कर सकेंगी।
कल तुम भी गुमनाम थे,अनजान थे
बेनाम थे,और डरे हुये एक इन्सान थे
अब मै तेरे ही कदमो को आजमाऊंगा
कुछ कर जाऊंगा,कुछ तो.कर जाऊंगा।