जिनको सींचा था हमने कड़ी धूप में ,
उजाड़ गुलशन मेरा बागवान हो गए,
जिन पत्थर ने हथौड़ी की मार न सही,
आज मन्दिर में जाकर भगवान हो गए,
जिनको इंसानियत की ख़बर ही नहीं,
हमसे कहते हैं की हम शैतान हो गए ,
देखलो पलट के अपना पुराना चरित्र,
आज बतला रहे हो तुम इंसान हो गए,
#PoetryOfSJT