वीर जवान
चला दूर तुमसे मां जन्नत को तज के
मेरा हौसला बनके तुम साथ रहना
कदम डगमगाये अपने याद आयें
बनके रवानी रगों में तू बहना
है खूँ तेरा मुझमें जो देता है शक्ति
जीजाबाई माँं बन हृदय में धड़कना
तेरे दूध की लाज कायम है रखना
सिंहनी का मैं हूं लाल साबित है करना
कसम है बहन की कहे ये कलाई
कई गोली सहकर भी ना डगमगाई
थी राखी की ताक़त नया जोश छाया
थी टूटी कलाई पर तिरंगा लहराया
मेरे देश की हर बहन की मैं आशा
फिर कोई दर्द कैसा और कैसी निराशा
था निकला मैं घर से रखा हांथ सर पे
मेरी आस हो तुम मेरा मान रखना
धरा ना लजाये कोई आंच अाये
मिटा अपनी हस्ती खुद को परखना
लगा मुझको मेरी है अंतिम विदाई
पिता ने मुझे यूं गले से लगाया
मेरा हाँथ कटकर गिरा जब जमीं पर
मुझे यूं लगा भाई रूठा है मुझसे
मुझे माफ कर देना माँं भारती तू
बस इतनी सी सेवा ही मैं कर सका हूं
मुझे नींद जोरों की आई है ऐ माँं
मुझे गोद में तू सुला लोरी गाकर
था वादा किया मां से आते - आते
मिले गोद मुझको यही हर जनम माँं
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