CoPy
मिलिए इनसे यह है हमारे सबसे अजीज दोस्त.
अरे ये गली की बत्ती नही,
वो जो दाहिने और है, वो चांद.
कई सालों से जब भी खुद को अकेला महसूस करते है,
दौड़े आते है इनके पास, घंटों तक बात़े करते है इनसे.
हमारी हर ईक बात सुनते है, फिर चाहे वो अच्छी बात हो या बुरी बात, या हो कोई परेशानी वाली बात.
हर बात बड़ी ही ख़ामोशी से सुनते है, माना की कुछ कहते नही है.
पर हा दिल को सुकून मिलता है, की चलो कोई तो अपना है जो हमे सुन रहा है..!
हमारी तरह और भी बहोत से होगे, जिनके गहरे राज़ और बेचैनीयो से वाकिफ है ये,
बडे ही ख़ुश-नसीब है, हम और हमारे जैसे लोग जिनके पास दोस्त के स्वरूप मै ये चांद है.
सिर्फ एक ये चांद ही तो है, जो सबके सच और राज़ जानते है.
पर कभी किसीसे कुछ कह नही पाते, काश की वह बोल पाते.
खैर जाने दो....
शुक्रगुज़ार थे, शुक्रगुज़ार है, और शुक्रगुज़ार रहेंगे और वह भी ताउम्र भर..!