वो कही खो गया है कोई ढूंढ कर लादो ना उसे
भोली सी सूरत है आँखो में शरारत है
कही दिख जाये तो बताना उसे
कोई आज भी वही ठेहरा उसके इंतजार में
वो उसकी बचपन वाली देहलीज़ पर
हो सके तो केहना उसे जलदी से लौट जाये
कोई तिनका तिनका बिखर रहा है उसके बगैर।
-Chandrika Gamit