क्या हुवा अगर वो हमारे हिस्से में नहीं
क्या हुवा अगर वो हमारी किस्मत में नहीं
हमारी डायरी के हर पन्नों पे वो है
हमारी हर यादों में , बातों में, कहानियों में
उसके हर एक किस्सों में वो है
दिन की शुरुआत में रात की आख़री बात में
मिडनाइट की वेकअप वाली और
सुबह के सपने वाले हर एक पल में वो है
हमारी मुस्कान में, उम्मीद में, हर खुशी में
हमारे हर एक गम में, उदासी में वो है
हमारे प्ले लिस्ट के हर गाने के मायनो में
रोमांटिक फ़िल्म के डायलॉग में वो है
मंदिर की घंटी में, भगवान से मांगी इच्छा में, हर दुवा में
हर मन्नत में, टूटते तारों की पलकों से गिरे बालो से
की हुवी हर ख्वाहिश में वो है
उन सड़को पर,पुराने वाले स्कूल और इस शेहर के
हर मंज़र पर बस वो ही वो है
हमारे अकेलेपन में, हमारे आस पास की भीड़ में
हर तीज में, हर त्यौहार में,
हमारे सजने सावरने में वो है
कान्हा के भजनों, में राधा की दीवानगी में
मीरा बाई के जोगन वाले हर राग में
जो महसूस होता है वो है
सायद हर सांस में बस वो ही वो है
हमारे लिये प्यार भी वो है प्यार के मायने भी वो है
तो क्या हुवा अगर वो हमारे हिस्से में नहीं
क्या हुवा अगर वो हमारी किस्मत में नहीं।
-chandrika gamit