विवेकानंद जयंती विशेष
देश को आज विवेक चाहिए
©डॉ.अमित कुमार दवे, खड़गदा
देश को आज विवेक चाहिए-
सार्वकालिक महापुरुषों में…
सनातन आदर्शों में….
वैश्विक विचारों में…
अनुकरणीय मूल्यों में….।।
सच!आज देश को विवेक चाहिए-
संपादित व्यवहारों में….
जीवन संस्कारों म़े….
सामाजिक संंबन्धों में….
आपसी संवादों में….।।
हाँ आज देश को विवेक चाहिए-
शैक्षिक संरचनाओं में….
तकनीकी व्यवहारों में….
आचरित चरित्रों में….
प्रसारित सूचनाओं में….
देश को फिर आज विवेक चाहिए-
उन्नत नागरिकता में…
तेजस्वी उद्बोधनों में….
राष्ट्रीय राज्यनीति में….
उत्कृष्ट अर्थनीति में...
सुनों ! आज देश को विवेक चाहिए-
नव साहित्य के सृजन में..
सटिक शब्द व्यहरण में..
शास्त्र अनुशीलन मे…..
आत्मिक अवबोधन में….
हाँ..! आज वही विवेक का ..
देश के उत्थान को विवेक चाहिए..।।
सादर प्रस्तुति
©डॉ.अमित कुमार दवे, खड़गदा