****मैं अक्सर चुप रहती हूँ*****
मैं अक्सर चुप रहती हूँ
चुपचाप सब कुछ सुनती हूँ।
सुनती हूँ वो सब कुछ
जो सुनकर दिल टूट जाता है
जब अपनो में से ही कोई
पीठ पीछे मेरा मखौल बनाता है
मेरे उठने बैठने सोने जागने और पहनने पर भी
आँखों ही आँखों मे तंज कसा जाता है
-MANISH SINGH