आप आए बाहर आई आपको देखकर इन आंखों में मदहोशी छाई।
आप आए बहार आई।
छू कर देखा आपके लबों को छूने से इन अधरों पर फुहार आई आप आए बहार आई ।
छुआ जब आपके इन काले केशों को तो एक तरह की बेहोशी छाई आप आए बहार आई ।
मन करता है छुप जाऊं
तेरे आंचल में झूमू नांचू गाऊं दुनिया का हर गम भूल जाऊं।
सोते जागते हर पल हर सपने में तेरी सुंदर छवि छाई आप आए बहार आई
-manisha sharma