माँ को मातृ दिवस पर मात्र शुभकामनाएं
सिर्फ खुद को श्रेष्ठ साबित करने की कवायद में
माँ को दो मातृ का दर्जा,औहदा और सच्ची भावनाएं
नहीं चाहिए उसे कोई दिखावा या कोई शोर शराबा
चाहती तो वैसे कुछ भी नहीं देना ही तो सीखा उसनें
दोगे भी क्या उसको जो खुद ही हो मंदिर मस्जिद काबा
खैरात नहीं किसी और के हिस्से का उसे ख्वाब नहीं
बस उसके हक का मान,सम्मान और उसका स्थान
दे सकते हो तो ये दो कोई बनावट या तमाशा नहीं
माँ तो बस माँ होती है यार माँ सी कोई दूजी कहाँ
माँ को दिल से कर प्यार दिल दुखाने का सोच भी न
न मिलेगा ऐसा प्रेम और वफ़ा आज़मा चाहे सारा जहाँ
लेखिका...
💐निशा शर्मा💐