Hindi Quote in Poem by अर्चना यादव

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सुनो ना मुस्कुराना मत भूलना- श्रृंगार रस प्रधान हिन्दी कविता लिखा था एक कमेंट में. अरुणेन्द्र दिल्ली का एक कवि है जो आधुनिक समय का सबसे फेमस कवि Youtuber है जिसने Instagram पर एक लाइन post की थी सुनो ना मुस्कुराना मत भूलना जिसके कमेंट में मैंने पहला भाग लिखा था बाद में इसको और विस्तार दिया. शब्दों का जाल कितना प्रभावित किया कमेंट रूप में जरूर बताएं और अगर कुछ कमी लगे तो वह भी जरूत बताएं मैं अवश्य उसे सुधारने की कोशिश करूंगी…. और ऐसी ही कविताएं कहानियां पढनेेकेे लिए कृपया हिन्दीFeels.com » Express what you Feel पर क्लिक कीजिए और कमेंट्स मेें हमें अपना अनुभव बताइए

सुनो ना

मुस्कुराना मत भूलना ।।

जो प्यार करे तुमसे

उससे दिल लगाना मत भूलना ।।

नफरत है नज़र में उसके

जान के भी गले लगाना मत भूलना ।।

जो प्यार से कभी लगालूँ गले से

तो जानेमन शर्माना मत भूलना ।।

सुनो ना

चलो साथ मिलके एक दुनिया बसाएं

जहाँ तुम हो मैं हूँ और हों प्यार की हवाएं

जहाँ तुममें मैं रहूँ मुझमें तुम रहो

जहाँ हों ना कोई भी सजाएँ

चलो मिलके एक दुनिया बसाएँ ।।

देखो ना

ये प्यार मेरा कुछ चाहने लगा है

तुम दूर ना हो रब से माँगने लगा है

जो प्यास है जन्मों की तुम्हें छूने की पाने की

तुम हो जो मेरे पास तो दिल मचलने लगा है

ये मेरा प्यार कुछ चाहने लगा है ।।

करो ना

ये प्यार सारी उम्र मुझे

इंतजार मेरा खत्म कर बाँहों में भरो मुझे

वक्त बीत रहा न जाने क्यूं बेइमान सा

आस है इंतजार है अब हो रहा ना सब्र मुझे

ये प्यार सारी उम्र मुझे ।।

चलो ना

कहीं दूर बनाएं आशियाना एक प्यार का

जहाँ शांति प्रेम साथ हो काम हो ना व्यापार का

मन करे तो खेलूँ कूदूँ तुमको लेके पगली होऊँ

जहाँ दखल ना हो संसार का रीति रिवाज का

दूर बनाएं आशियाना एक प्यार का ।।

समझो ना

मुझे और मेरे प्यार को

मेरी चाहत को इसरार को

क्यों रूठे हो अनजान बने

अपरिचित मेहमान बने

मैं दासी तुमरी प्यार मेरे

मेरी दुनिया और संसार मेरे

क्या खता हुई जो चले गए

अब खतम करो मेरे इंतजार को ।।

जानो ना

तुमसे प्यार भी है तुम्हारी चाह भी है

हर साँस पे लिखा तुम्हारा नाम ही है

हाँ दुनिया की सांसारिक हूँ

तुम मेरे लिए आध्यात्मिक हो

फिर भी मेरा प्यार गुमनाम ही है

तुमसे प्यार भी है तुम्हारी चाह भी है ।।

कहो ना

मैं तुम्हारी ज़िंदगी हूँ तुम्हारी बंदगी हूँ

तुम चाहते हो जो मैं वैसी सादगी हूँ

जी ना सकोगे तुम मेरे बिना

मरने ना दूँ मैं वो अवारगी हूँ

मैं तुम्हारी ज़िंदगी हूँ तुम्हारी बंदगी हूँ ।।

Hindi Poem by अर्चना यादव : 111691638
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