तुम तो इश्क की बात ही न करो तो अच्छा है...
तुम ने ही इश्क को बदनाम किया है......
हम तो सोचते थे के चलने के लिये हमसफर अच्छा है..
तुम तो इश्क की बात ही न करो तो अच्छा है..
हमें तो इश्क की वजह से शहेर ने पेहचाना था..
तुम तो इश्क की वजह से रोशन हुई थी.. न कोई पेहचान थी....
इस शहेर ने इश्क की वजह से हमें इज्जत दी थी...
तुम ने तो " झूठे इश्क " से वो भी बदनाम करदी.....
सिपाई साहिल.......
-Sahilbhai Abbasbhai Sipai