पाश्चात्य संस्कृति वालों सुन लो क्या है हम,
हमसे ही सुन लो हम जब जब नग्न हुए हैं।
सारे विकार ही भग्न हुए हैं, कामुकता रही नहीं,
आत्मज्ञान में मग्न हुए हैं।
तुम नग्न हुए, अश्लील हुए, वासनाओं में खो गए,
और हमारी नग्नता अमर हुई,
और भगवान महावीर हुए।
Dr, Lokesh Jadilye