पिछले कुछ दिनों से जो लोग पाश्चात्य प्रेम सप्ताह मना रहे थे किन्तु उन्हें वसंतोत्सव के बारे में नहीं पता। उनके लिए मेरी कविता -
पाश्चात्य संस्कृति अपनाओं उतनी
इसकी आवश्यकता हो जितनी
क्योंकि -
आपको मनाना है, हर त्योहार
हिंदू पंचांग अनुसार
बहुतों को तिथि पता नहीं होती
और बहुत को पता नहीं संवत
बस इतना काफी है ये जानने के लिए
भारतीय संस्कृति से आपकी दूरी है कितनी ?