दोस्ती की डायरी मेसे
(मेरी स्पेशल दोस्त के लिए थैंक यू जी )
मिले तो हम कुछ एसे...
वक्त किसी ओर था...
लेकिन वो बुलावा हमारी चोखट पे था...
कुछ दिनो बाद ...
जब उनका मेसिज आया तो ...
बात करने से हिचकिचाते...
लेकिन अब जब बात सुरू तो...
उस के बाद...
उनका जो दोस्ती का रंग...
इतना गेहरा लग गया की ...
क़ुदरत का क्या केहना...
बिना लहरो का कभी समुंदर नई होता.....