लेकिन, जब इतने दिनों में जय की ओर से एक कॉल और मैसेज नही आया तो माहेरा दिल ही दिल उदास रहने लगी और सोचने लगी कि, क्या वह एक पल भर के लिए मुलाकात थी? क्या जय उसे प्यार भी करता था? क्या वे अब फिरसे मिल पाएंगे? क्या जय अब फिर से भारत आएगा?यदि, वो भारत आएगा भी तो उसे बताएगा कि नही? इतने सारे सवालों ने माहेरा को अंदर से तोड़कर रख दिया था। लेकिन, फिर भी उसका दिल कही न कही ज़रूर जानता था कि, जय उसे कॉल ज़रूर करेगा और वो बस इसी इंतेज़ार में दिन गिन रही थी।
हुसैन चौहान द्वारा लिखित कहानी मिखाइल: एक रहस्य के आनेवाले अध्याय की एक छोटी सी झलक
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