थे वो बिखरे कागज के टुकड़े ।
जिसे जोड़के किताब बनाया तुमने ।।
हर मोड़ पे थी कठिनाईया ।
पर हर कड़ी जोड़ जोड़ के महाकाव्य बनाया तुमने ।।
नही थी कोई किंमत तुम्हारे बिना ।
जुड़ के तुम्हारे साथ अनमोल बनाया तुमने ।।
थे वो कोरे कागज के पन्ने ।
जिस पर प्रेम की "श्याही" से प्रेमपत्र बनाया तुमने।।
-Shyam ( શ્યાહી )✍️