वो तो आदतन मुझे अक्सर ही चोट पहुँचाता रहता है,
वो तो मैं ही हूँ जो कभी-कभी अपनी आदत से चूक जाती हूँ!
सिसकियाँ भरना भूलकर अनायास ही चीखने-चिल्लाने लग जाती हूँ,
और इस सभ्य समाज की नज़र में एक बार फिर वो एक प्रताड़ित पति और मैं एक अत्याचारी पत्नी बनकर रह जाती हूँ!!
राष्ट्रीय बालिका दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं मुझे भी और आप सबको भी🙏💐💐💐🙏
-NISHA SHARMA ‘YATHARTH’