हम वो नहीं है जो तुम समझते हो, हम वो है जो हम भी नहीं जानते हैं । कसम खुदा की तुम हमारी जुनुन् हो, बरना हम भी तुम्हे पाना नहीं चाहते हैं । जीद् हो तुम मेरी, जीद् हो तुम मेरी, प्यार है ये मत समझना, हम अजनबीयों का भी खेयाल रखते हैं ये भुल मत जाना । कभी बक्त मिले तो हमारी गली जरूर आना, हम दिखायेगें तुमको वो दर्द सपनो का टुट जाना । आवाज नहीं आती है पर येहेसास् होती है, हम इनसान में ही खुस है तुम्हारे तरहा पथर नहीं बनना है । दिल टुटती है तो बिखरने दो शो टुकडाे में, मगर हात मत लगाना हमारी दामन में । कपडे में छेद होगी सायद दिल बिलकुल साफ है, मुसकुराहट छिनी बेबफा करदीया उसको माफ है । क्या लगाके रखना ये रोज का खेल ही तो है, आज हम है कल कोई ओर की बारी है । साला ये कैसा तैयारी है.......?
-Kalpana Sahoo