सुन सजनी
मेरी जिंदगी की सुबह हो जाये
गर देख मेरी आँखो की लाली
बाँच मेरे अधूरे ख़्वाब कहो
उठो_
चाय की चुस्की के साथ
उँडेल लो भीतर
नयी धूप का टुकड़ा कोई
हमारी क़ुर्बते दम न तोड़े
गर मुरझाया देख
सींच दो मुझे
आग़ोश मे भर कह दो तुम
जान_
मुझे तुम्हारी जरूरत है
मुझे तुमसे महुबबत है