जब मे छोटा था समझता था की मे इंसान की बिच मे रहता हूँ। जब मे बड़ा हुआ और रोज़गार करने लगा तब पता चला यहाँ कुच्छ इंसान जैसा भेड़ियाँ रहते हैं। उनको पैसा वाला मिला तो नोच लेंगे और ना मिला तो भी अपनी क्रूरता पर उतर आएंगे और नोच लेंगे। तब मुझे अपने खुद के सुरख्सा केलिए कुच्छ अस्त्र रखना पड़ेगा।
ये इस युग और जीबन का कड़वा सच हे। ध्यान से अपने अपने ज़िन्दगी को सोचिये उतर मिलजायेगा।
jay jagannath
🙏🙏🙏
jay odisha.