परिवार तो सबको हैं। लेकीन परिजनों की कमी वी सबको लगता हे। क्यूंकि परिबार मे रहनेवालों की परवरिश मे सायद कहीं कमी रहेजाता हे इसलिए एक छत के नीचे एक परिबार के एक से ज्यादा सदस्य रहते हुए भी एकता नेहीं रहता। इसलिए अच्छा परवरिश से अच्छा परिबार बनता हे और परवरिश का मतलब अच्छा संस्कार और अच्छा सोच देना देना होता हे। जिससे परिबार के पेड़ सम्पर्क के गहराई को समझे ओर उसे दिआ हुए संस्कार और मर्यादा के दायरे मे रहते हुए एक अच्छा जीबन बिता सके। इससे बर्तमान और भबिष्य के पीढ़ी को शुभ प्रदायक और लावदायक होता हे।
जय जगन्नाथ
आनंद जीबन
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