# शानदार कविता ***
# विषय .अजन्मी बालिका की पुकार ..
माँ मुझे तुम जग में लाना ,तेरा कर्ज चुका दुंगी ।
बेटी बोझ नही होती ,यह दुनियाँ को दिखाई दुंगी ।।
बेटा कुपुत्र हो सकता है ,माँ तेरी कुपुत्री नही होऊंगी ।
तुझे मुझ पर नाज होगा ,तेरा नाम रोशन करूंगा ।।
मैं तो कोमल काया हूँ ,मुझ पर जुल्म न कर ।
पेट में ही मत मार जननी ,मैं तो तेरी छाया हूँ ।।
तेरे संस्कारो से पल कर ,दुनियाँ को जता दूंगी ।
पढ़ लिख कर मैं ,तेरी महिमा जग में बढा दूंगी ।।
मैं तो दो कुलो की लाज रखूँगी ,तेरा अंश कहलाऊंगी ।
मुझे भी जग में जन्म लेने दे ,माँ मैं बेटी कहलाऊंगी ।।
बेटा बेटी में भेद न कर ,मैं भी तेरी आँखो का तारा हूँ ।
दुनियाँ तो दहेज की लालची है ,उस खातिर मुझे ,
बलि मत चढा माँ ।।
तेरे दुःखदर्द का मैं ,हिस्सा जीवन भर बन जाऊंगी ।
मेरे बिना तुम बहु कहाँ से लाओगे ,मैं दहेज के लालचियो को अच्छा सबक सिखा दूँगी ।।
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