स्त्री जो भी सीखती है
वह काम आता है किसी पुरुष के!
स्त्री सीखती है
आटा गूंथना
पुरुष का पेट भरता है।
स्त्री सीखती है
घर बुहारना
पुरुष घर में रहता है।
स्त्री सीखती है
बिंदी लगाना
पुरुष प्रेम करता है।
स्त्री सीखती है
बच्चे पालना
पुरुष पिता बनता है।
बस किसी दिन स्त्री ने सीखना चाहा
घर से बाहर निकलना
पुरुष ने देहरी बनाई
और कहा
बाहर रावण रहता है।
और अंत में
स्त्री ने सीखा
सिर्फ घर में रहना
ताकि पुरुष घर लौट सके,
क्योंकि स्त्री ने समझ लिया था
देहरी के पार जाने के बाद
हर पुरुष में रावण उतरता है
और पुरुष का घर लौटना जरूरी है।
~पवन कुमार वैष्णव ❣️