शुभ संध्या समय शुभ रात्रि काल जय माता
कालरात्रि ब्रह्मदत्त
सातवाँ नवरात्रा
माँ कालरात्रि
सातवाँ नवरात्रा - माँ कालरात्रि
सातवाँ नवरात्रा - माँ कालरात्रि
सातवाँ नवरात्रा - माँ कालरात्रि
सातवाँ नवरात्रा - माँ कालरात्रि
माता के भक्तों आज माता दुर्गा का सातवां रूप कालरात्रि के रूप में नवरात्रों में स्थापित है आज माता कालरात्रि की पूजा एवं रचना है
आओ जानते हैं मां कालरात्रि पूजा विधि संस्कारित तरीके से
नवरात्र सातवां दिन
मां
कालरात्रि संध्या प्रणाम नमन नमस्कार है आपको ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी भक्तों का
पूजा विधि
माँ कालरात्रि
नवरात्रों में सप्तमी तिथि का ख़ास महत्व होता है. इस दिन की
भी अन्य दिनों की तरह ही होती है नवरात्री के सातवे दिन
माँ कालरात्रि की पूजा से पूर्व पहले कलश और अन्य देवी-देवता
की पूजा करें. इसके बाद माता कालरात्रि जी की पूजा करे. पूजा
से पूर्व हाथों में फूल लेकर देवी माँ के सामने नतमस्तक होकर
मंत्र का ध्यान करना चाहिए. कहते है की इस दिन से भक्तो के
लिए माँ के द्वार खुल जाते है और भक्तजन पूजा स्थलों पर माँ के
दर्शनों के लिए जुटने लगते है नवरात्री के सातवें दिन रात्रि पूजा
का भी विशेष महत्व होता है. ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़