दोस्ती का मतलब किसी एक दिन फ्रेंडशिप विश कर देने से नहीं होता
ना ही होता है, उसके साथ भीड़ में खड़ा होने से
दोस्ती वह नहीं की जब हमको उसकी ज़रूरत हो याद कर लिया, जब दिल चाहा फोन ना रिसीव किया
हम अक्सर उस कोहिनूर को खोजते रहते हैं जिसे हम कभी सबसे अच्छा दोस्त बुलाये रहते हैं
इस व्यस्त जीवन शैली का ही नहीं सम्पूर्ण दोष, दोष कहीं ना कहीं हमारी अपनी विचारधारा का ही होता है
हम सफलता की होड़ में अनावश्यक रूप से इतना भागते हैं की अपने खास लोगों को पीछे ही छोड़ देतें हैं
हमें उसके साथ तब खड़ा रहना चाहिए जब सच में उसको हमारी जरूरत हो
दोस्ती का मतलब कुछ बे-मतलब सा होता है
थोड़ी नादानियाँ हों, पर दिल में बेईमानियां ना हों
जिसे भी दोस्त बनाएं, उससे जिंदगी भर हर तकलीफ में हंसना सीख लें
उसके आँसू अपनी आँखों से बहाना सीख ले, अगर ऐसी दोस्ती है तो फिर और क्या चाहिए..।।
Trisha R S... ✍️