कभी आत्महत्या का बिरोध करते थे
जब बुरे वक्त से गुजरे तब पता चला
लोग आत्महत्या क्यूँ करते है
जब रोने का दिल करे पर कोई कंधा ना मिले
जब आपका दर्द कोई समज ना पाये
जब लोग़ बेचारा तो समझे पार गले ना लागाए
जब ख़ुद को हारा हुआ समझे और लोग मुस्कुराये
फिर क्यूँ कोई मौत को गले ना लगाए
Kyun koi maut ko gale naa lagaye