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29/06/2020
दर्द तो दोस्त पुराना है।
अक्सर वो भी याद दिलाता है!
जो बीत गया बरसो साल पुराना है।
दर्द तो दोस्त पुराना है।
कभी खट्टी तो कभी मीठी!
ये तेरे आजमाइश का भी क्या बहाना है।
पल पल हर पल तु साथ है मेरे वो एहसास दिलाता है।
दर्द तो दोस्त पुराना है।
उस के दिल में छुपी बातो का ...
प्यार से हमारे कानों में ये कहना है!
लगजा गले एक मर्तबा मेरी जान
तेरे बीते हुए कल को भुलाना है।
दर्द तो दोस्त पुराना है।
क्या खुबसुरत है वो तेरे खामोशी के निशान!
जो कह गए फिर से एक मर्तबा ....
तकदीर में लिखा तो "अल्फ़ाज़-ए-सुहाना" हमे एक बार फिर से,
हमेशा के लिए मिलना है।
दर्द तो दोस्त पुराना है।
Alfaz-E-Suhana ✍️✍️