मेरा देश बदल रहा हे,
नेता ओ का खेस बदल रहा हे,
देश में भ्रष्टाचार हे,
कोरोना का हांहांकार हे,
लड़ रहे जाति के नाम पर,
एक दूसरे के काम पर,
आत्मनिर्भर के नाम पर हो रहा चीन का बहिष्कार,
फिर भी चीनीओ से माल ख़रीद लाते हे रेखा से इसपार,
सरहदें बढ़ाने के नाम पर,
मनाया जा रहा राजनीति का त्योहार हे,
पता नहीं, अब कब संभलेगा देश,
क्यों की आजकल हर तरफ़ बढ़ रहा नफ़रतो का व्यापार हे,,,!!
मेरे देश की कथा,
महेक की व्यथा...✍🏻