वीरों की इस धरा पर मुझे ये वरदान चाहिए
जयचंदों से रिक्त मुझे मेरा देश चाहिए।
आजादी के नाम पर षड्यंत्रों का दुत्कार चाहिए
मजहब की आड़ में जेहादी विघटन का तिरस्कार चाहिए।
उपरवाले के नाम पर बेलगाम आबादी से
हर शख्स का जिम्मेदारी भरा विशवास चाहिए।
न भूख चाहिए,न शोषण या अत्याचार चाहिए
मुझे मेरे भारत में विस्थापन का विनाश चाहिए।
जाती - द्वेष को भूलकर समरसता भरा प्यार चाहिए
मुझे मेरे देश में सभी को न्याय का विस्तार चाहिए।
अपराधों की दलदल में नर - नारी के संस्कार चाहिए
आत्म संपंन्न भारत में संतुष्टि का उपहार चाहिए।
मुझे मेरे देश में हर उत्पाद की बहार चाहिए
मुझे मेरे देश में हरेक को रोजगार चाहिए।
शत्रु के मान मर्दन का जन - जन में उद्घोष चाहिए
अखंड मेरे भारत का विश्व में सम्मान चाहिए।
सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा , मो: 9911127277