पुलिस को समर्पित गीत
है सबसे करबद्ध निवेदन,वर्दी का सम्मान करो।
राष्ट सुरक्षित है वर्दी से,इस पर तुम अभिमान करो।।
गर्व करो इन बेचारों पर,जो दिन भर धूप में जलते है।
जाड़ा गर्मी बारिष से,कभी नही जो डरते है।।
नुक्कड़ गली और सीमाओं से,इसके कदम न डिगते है।
रहे सुरक्षित बच्चा-बच्चा,ये कर्तव्य निभाते है।।
कर न सको सम्मान कभी तो,
इसका मत अपमान करो।
है सबसे करबद्ध निवेदन,वर्दी का सम्मान करो।।
पूरी निष्ठा से तत्पर है,जिम्मेदारी जो इस पर है।
छोड़ घरों को जो बेघर है,रहने को टूटी बैरक है।।
12 से 24 घण्टे तक,ड्यूटी करने में शाश्वत है।
पड़ जाओ खतरे में कभी तो,112 तुम तत्काल करो।।
कर न सको सम्मान कभी तो,इसका मत अपमान करो।
है सबसे करबद्ध निवेदन,वर्दी का सम्मान करो।।
होली ईद दीवाली इनकी,सडकों पर हो जाती है।
करवा चौथ के व्रत को पत्नी फ़ोटो देख मनाती है।।
गांव में मां बाप बृद्ध जो, उनकी याद सताती है।
पापा की यादों में अक्सर,बच्चियां रो कर सो जाती है।।
इनको भी यादें आती है,आँखें छुपकर रो जाती है।
दूर रहे यह बरषों घर से,कुछ तो इनका ध्यान करो।।
कर न सको सम्मान कभी तो,इसका मत अपमान करो।
है सबसे करबद्ध निवेदन,वर्दी का सम्मन करो।।
गांवों और शहर में देखो,यह अपराध मिटाते है।
सीमाओं पर दुश्मन को भी,ये उल्टा लटकाते है।।
लगते है आरोप भी इस पर,यह सब कुछ सह जाते है।
फर्ज निभाते है निष्ठा से,कभी नही घबराते है।।
दंगा और इमरजेंसी में,चोटे भी खा जाते है।
रहे सुरक्षित राष्ट्र हमारा,ये शहीद हो जाते है।।
इसकी कुर्बानी को समझो,हर पल इसको प्यार करो।
है सबसे करबद्ध निवेदन,वर्दी का सम्मान करो
जय हिंद
आशीष सिंह