प्यार मेरा है कोई कहानी नहीं
धड़कनों पे लिखा है जुबानी नहीं
हाथ थामा था तुमने मेरा एक दिन
कसमे खाई थी वादे किए थे बहुत
तुम बदल तो रही मौसमों की तरह
बनके आंसू तू मुझ पे बरसती रहे
मेरा तन तर बतर हो गया भीग कर
इन हवाओं ने मन में तो डर भर दिया
तेरे अश्कों में कुछ बात तो खास है
कहीं इनका तो रंग आसमानी नहीं
धड़कनों पे लिखा है जुबानी नहीं
रेत पर नाम लिखते मिटाते रहे
दिल के जख्मों को ऐसे सजाते रहे
याद आई तो हम खुद से रोये बहुत
अपने दिल को हम ऐसे मनाते रहे
तेरी तस्वीर दिल में बसी है मेरे
और इसके सिवा कुछ निशानी नहीं
धड़कनों से लिखा है जुबानी नहीं
तुमने मुझसे कहा था बिछड़ा जाएंगे
तेरी किस्मत के पन्ने पलट जाएंगे
चाहकर हम कभी भी न मिल पाएंगे
है सजाना मुझे घर किसी और का
तेरी दुनिया से हम दूर हो जाएंगे
था नशा प्यार का मुझ पे छाया हुआ
फिर भी हमने तेरी बात मानी नहीं
धड़कनों पर लिखा है जुबानी नहीं
आशीष सिंह