इस वक़्त देश की जनता को हजार किलोमीटर का रास्ता पैदल चलना पढ़ रहा है, औरतों को राह चलते रास्ते में प्रसव करना पड़ रहा है। मां अपने छोटे बच्चे को , बेटे अपने बूढ़े मां गोद में उठा कर चल रहे है। ट्रक के अंदर जानवरो कि तरह इंसान घर जाने की कोशिश कर रहे है। उस वक़्त हमारे देश के सरकार दिन रात मेहनत कर बसों के कागजातों की जांच कर रहे है ताकि वह राह चलते कुचलते गिर गिराते तरपते मरते देशवासियों भी यह जान ले कि हमारा देश बदल रहा है।