उडती तितलियोँ के पर आजा़द है !
नदियोँ मे समेटने की चाह बहुत होती है,पर जरा सी और मिल जाने पर बावडी होना लाजि़म है!
मानव का तृप्त एवँ शान्त मन एक गहरे समुद्र की भाँति होता है,जो लाख बातो को अपने अन्दर समाहित करके मनचलो की तरह जीता है!
अगाध प्यार करे कोई अपने चाहने वाले से,पर कभी कभी तिनके सी बात नासूर बना देती है !
ना कर गुरुर ये काया अपने माटी के तन पर, क्योकि तेरी औकात ही यही है,कि रईस बनकर भी तू इसी मे सिमट जायेगी !
नया वर्ष पुराना वर्ष सब कहने के है,चार दिन इस जिन्दगी मे रहने के है !
जिन्दगी काटने के लिए हमसफर की तलाश करते है लोग,पर सच्चा हमसफर अपने आप का कोई नही है !