गगन की ऊँचाई मापना चाहती हूँ
सूरज का तेज पाना चाहती हूँ
चंदा सी शीतलता लेकर
हौसले के साथ बढ़ना चाहती हूँ
इनके आँखों में पल रहे ढ़ेरों सपने
कामयाबी के चरण चूमना चाहती हूँ
लड़खड़ाते से मेरे ये कदम
मम्मा, तेरा हौसला भरा साथ चाहिए
तेरी उम्मीदों को पूरा करना चाहती हूँ
डरती है न तू
मुझे दुनिया के बीच भेजने से
तेरी गुड़िया हूँ न मैं
तेरे जिगर का टुकड़ा
हर वो सपना पूरा करना चाहती हूँ
जो तू न पा सकी
बस तेरा साथ चाहिए
मेरी उम्मीदों में रहना
तू हौसला बनकर हरदम
हर मुश्किलें पार करूँगी
बोलो माँ..
रहोगी न साथ मेरे
मेरी हिम्मत बनकर
तारों के गुच्छे तोड़ना चाहती हूँ
उन्हें विश्वास के धागों में गुंथकर
वेणी बनाना चाहती हूँ
तेरे जूड़े में सजाना चाहती हूँ
बस तू रहना हमेशा साथ मेरे
मेरी प्रेरणा बनकर
बोलो माँ रहोगी न
साथ मेरे हमेशा..??
#बढ़ना